आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा और 10 महाविद्याओं की होती है पूजा, जानिए पूजन विधि
इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 06 जुलाई 2024 से हो रही हैं। वहीं इसका समापन 15 जुलाई 2024 को होगा। हिंदू पंचांग के मुताबिक आषाढ़ माह की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि की शुरूआत होती है। इस दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों के साथ दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना करने का विधान है। बता दें कि तंत्र-मंत्र की साधना करने वाले जातकों के लिए गुप्त नवरात्रि काफी अहम मानी जाती है। तो आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि पर घट स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा का मुहूर्त।
घट स्थापना मुहूर्त
हर एक साल में चार नवरात्रि पड़ती हैं। जिसमें माह और आषाढ़ महीने में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। हालांकि हर नवरात्रि में घट स्थापना का विशेष महत्व होता है। घट स्थापना करने के बाद मां दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों की पूजा-आराधना की जाती है। 06 जुलाई 2024 को सुबह 05:27 मिनट से 10:05 मिनट तक घट स्थापना का शुभ मुहूर्त रहेगा। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है। इससे भक्तों को शुभ फल प्राप्त होता है। ध्यान रहे कि घट स्थापना के लिए ईशान कोण दिशा का चुनाव उत्तम माना जाता है।
गुप्त नवरात्रि डेट
प्रतिपदा तिथि 06 जुलाई 2024– मां काली
द्वितीया तिथि 07 जुलाई 2024- मां तारा
तृतीया तिथि 08 जुलाई 2024– मां त्रिपुर सुंदरी
चतुर्थी तिथि 09 जुलाई 2024- मां भुवनेश्वरी
पंचमी तिथि 10 जुलाई 2024- मां छिन्नमस्तिका
षष्ठी तिथि 11 जुलाई 2024- मां त्रिपुर भैरवी
सप्तमी तिथि 12 जुलाई 2024- मां धूमावती
अष्टमी तिथि 13 जुलाई 2024– मां बगलामुखी
नवमी तिथि 14 जुलाई 202- मां मातंगी
दशमी तिथि 15 जुलाई 2024– मां कमला
पूजा के नियम
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के मौके पर मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के अलावा 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। तंत्र-मंत्र करने वाली जातक दस महाविद्याओं की पूजा कर कई सिद्धियां प्राप्त करते हैं। वहीं गुप्त नवरात्रि के मौके पर जातकों को कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।
इन नियमों का करें पालन
गुप्त नवरात्रि के मौके पर मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
इस दौरान प्याज-लहसुन आदि भी नहीं खाना चाहिए।
गुप्त नवरात्रि के दौरान बाल और नाखून कटवाने से बचना चाहिए।
वहीं शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए।
घट स्थापना के बाद घर को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। परिवार का कोई एक सदस्य घर में जरूर रहे।
अगर आप भी गुप्त नवरात्रि का व्रत करते हैं, तो जमीन पर सोना चाहिए।