धर्म

भगवान विष्णु को क्यों कहा जाता है नारायण और हरि, जानिए इसके पीछे का रहस्य

जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु को कई नामों से पुकारा जाता है। वहीं गुरुवार का दिन श्रीहरि को समर्पित होता है और यह दिन श्रीहरि की पूजा करने के लिए विशेष माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति का भाग्य साथ नहीं दे रहा और उसके काम नहीं बन रहे हैं। तो उसे भगवान श्रीहरि की स्तुति करनी चाहिए। मान्यता के अनुसार, जो भी जातक गुरुवार के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-आराधना करता है, उसके सभी काम बनने लगते हैं और भाग्य का साथ मिलने लगता है।

आपने भगवान विष्णु के कई नाम सुने होंगे। कई धार्मिक ग्रंथों में श्रीहरि को नारायण तो कहीं पर जगत के पालनहार कहा गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान श्रीहरि विष्णु को नारायण क्यों कहा जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि भगवान विष्णु को नारायण क्यों कहा जाता है और श्रीहरि के अन्य नामों का क्या अर्थ है।

भगवान विष्णु को क्यों कहते हैं नारायण

पद्म पुराण के मुताबिक भगवान श्रीहरि विष्णु जल में निवास करते हैं। वहीं भगवान विष्णु के अनन्य भक्त देवर्षि नारद उनको ‘नारायण’ कहते हैं। बता दें कि नारायण का अर्थ है, ‘जल जिसका प्रथम अयन हो’। विष्णु पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु क्षीर सागर में निवास करते हैं। इसलिए उनको नारायण कहते हैं। वहीं जल को संस्कृत भाषा में नीर कहते हैं और नारायण शब्द ‘नर’ जिसका अर्थ है जल और ‘अयन’ जिसका अर्थ है स्थान, से मिलकर बना है। इस तरह के नारायण का अर्थ हुआ, ‘जल जिसका प्रथम अयन यानी की रहने का स्थान हो’। इस वजह से श्रीहरि विष्णु को नारायण कहा जाता है।

अन्य नामों का अर्थ

विष्णु नाम का अर्थ

भगवान विष्णु के इस नाम का अर्थ है, जिस नर की आंखें कमल जैसी हों। चतुर्भुजी और कौस्तुकमणि से सुशोभित होने के कारण श्रीहरि नारायण का नाम भगवान विष्णु पड़ा।

हरि नाम का अर्थ

भगवान विष्णु को इस जगत का पालकर्ता माना जाता है, जो संसार के समस्त दुखों को हरते हैं, इस कारण से भगवान विष्णु को हरि नाम से संबोधित किया जाता है।

अच्युत नाम का अर्थ

भगवान श्रीहरि विष्णु के अच्युत नाम का अर्थ है, ऐसा दिव्य पुरुष जो अमर हो और जिसको कभी नष्ट न किया जा सके।

पुरुषोत्तम नाम का अर्थ

इसके अलावा श्रीहरि को पुरुषोत्तम भी कहा जाता है। इस नाम का अर्थ है ‘पुरुषों में सबसे श्रेष्ठ’।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *