सतयुग के समय से इस देवता की हो रही है मूर्ति पूजा, जानें प्रतिमा की रोचक कहानी और मंदिर की प्राचीनता
भारत में कई ऐसी जगहें हैं जो काफी रहस्य से भारी है। देश में ऐसे कई मंदिर है जो काफी प्रचीन हैं , लेकिन क्या आप जानते हैं? भारत एक ऐसा मंदिर भी है जहां जिसकी सतयुग से पूजा हो रही है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस देवता की हुई थी सबसे पहले मूर्ति पूजा और मंदिर में स्थापित प्रतिम सतयुग के समय की है। गौरतलब है कि प्रयागराज को पहले प्रज्ञा के नाम से जाना जाता था। यहां पर पृथ्वी का पहला यज्ञ हुआ था, बता दें कि, यहां पर प्राचीन काल से सबसे बड़े धार्मिक मेले का आयोजन भी होता था। पुराने समय से लेकर वर्तमान तक प्रयागराज तीर्थ का राजा बना हुआ है। यहां पर कई प्राचीन मंदिर हैं, उन्हीं में से एक प्राचीन मंदिर भगवान नरसिंह का है, जिसकी मुख्य विशेषताएं आपको बताएंगे।
सबसे पहले नरसिंह भगवान की पूजा हुई थी
प्रयागराज के दारागंज में भगवान नरसिंह से जुड़ा काफी प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर स्थित है। यहां पर आज भी उनकी प्राचीन मूर्ति विराजमान है। साथ ही उनके माता लक्ष्मी भी मौजूद हैं। इस मंदिर से जुड़ी रोचक कहानी मंदिर के पुजारी बताते हैं कि जब विष्णु भक्त प्रहलाद को दंडित करने का हिरण्य कश्यप सोच रहा था, तभी भक्त प्रहलाद ने हिरण्य कश्यप को बताया कि भगवान विष्णु अणु, कण, खर, सर्वत्र व्याप्त हैं। यह सुनकर हिरण्य कश्यप क्रोधित हो जाता है और वह प्रहलाद पर हमला करने जाता है। तभी वहां उपस्थित एक खंभे को चीर कर शेर का शेर का धड़ और मनुष्य का शरीर लेकर भगवान विष्णु अवतरित होते हैं और हिरण्य कश्यप का वध करते हैं, उस समय से पहली बार भगवान नरसिंह की मूर्ति पूजा हुई और वहीं से मूर्ति की पूजा की शुरुआत हुई।
मंदिर की प्राचीनता
वर्तमान समय में यह मंदिर डेढ़ सौ वर्ष पुराना है, लेकिन इस मंदिर में स्थापित प्रतिमा सतयुग की ही बताई जाती है। बता दें कि इससे पहले यह मूर्ति जहां आज हरि का मस्जिद है उसी में थीस लेकिन मुगल काल में हुए आक्रमण के दौरान यह मूर्ति दब गई थी। हमारे गुरू महाराज के सपने में भगवान ने इस मूर्ति के बारे में बताया। तब महाराज जी ने इस मूर्ति को लाकर दारागंज में स्थापित की है।
उपेक्षित है यह मंदिर
बता दें कि इस समय दारागंज के घनी आबादी वाले मोहल्ले में स्थित है, जहां तक आज भी सड़क का मुख्य मार्ग से कोई कनेक्शन नहीं है। वहां के पुजारी सरकार से मांग कर रहे है कि हमारे इस प्राचीन मंदिर का विकास करवाया जाए और इसकी कनेक्टिविटी मुख्य सड़क से की जाए। इस प्राचीन नरसिंह देवता के मंदिर पर आज भी सरकार की नजर नहीं गई।