भगवान शालिग्राम की पूजा के दौरान इन नियमों का रखें खास ख्याल, वरना हो सकता है नुकसान
हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा-आराधना करने से उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। भगवान शालिग्राम को श्रीहरि विष्णु का स्वरूप माना जाता है। विष्णु पुराण के मुताबिक जिस भी घर में भगवान शालिग्राम विराजमान होते हैं, वह घर तीर्थ के समान होता है। हालांकि भगवान शालिग्राम की पूजा के दौरान कई नियमों का ध्यान रखा जाता है। ऐसे में अगर आपके घर में भी शालिग्राम विराजमान हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको शालिग्राम से जुड़े जरूरी नियम और पूजा विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।
ऐसे करें पूजा
सुबह स्नान आदि कर सबसे पहले शालिग्राम को स्नान कराएं। फिर चंदन, फल-फूल और भोग चढ़ाएं। इसके बाद घी का दीपक जलाएं। वहीं भगवान शालिग्राम के भोग में तुलसी दल डालें। इससे शालिग्राम पसंद होते हैं और जातक के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। आखिरी में भगवान श्रीहरि विष्णु की परिवार संग मिलकर आरती करें।
ऐसे कराएं स्नान
बता दें कि शालिग्राम को रोजाना पंचामृत से स्नान कराना चाहिए। दूध, दही, घी, शहद और जल मिलाकर पंचामृत बनाएं। इस पंचामृत से स्नान कराने के बाद चरणामृत को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें और परिवार के अन्य सदस्यों को भी दें।
इन बातों का रखें खास ख्याल
शालिग्राम की पूजा के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पूजा का क्रम टूटना नहीं चाहिए। वहीं घर में सिर्फ एक शालिग्राम रखना चाहिए। क्योंकि एक से अधिक शालिग्राम रखने से वास्तु दोष लग सकता है।
इसके अलावा जिस भी घर में भगवान शालिग्राम की पूजा की जाती है, वहां पर मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं भगवान शालिग्राम के पूजा स्थान की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए और उनके पास में भगवान श्रीहरि विष्णु की तस्वीर या प्रतिमा भी रखें।