राज्यसभा के 265वें सत्र के समापन पर बोले सभापति जगदीप धनखड़, तीन बार स्थगित की गई सदन की कार्यवाही
नई दिल्ली: सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि संसद की कार्यवाही आज भोजनावकाश के बाद तीन बार स्थगित की गई। यह स्थिति उत्पन्न हुई जब विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और सदस्य घनश्याम तिवारी की उपस्थिति में मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किए जाने की आशा थी। हालांकि, इन सदस्यगण के सदन से बाहर जाने के बाद स्थिति ने जटिल रूप ले ली।
संसद के अध्यक्ष ने कहा कि इन मुद्दों को उनके कक्ष में सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया गया था और सदस्यगण भी इस पर सहमत हुए थे। लेकिन अचानक आज प्रश्नकाल शुरू होने से ठीक पहले जयराम रमेश ने बिना अनुमति के इस मुद्दे को उठाया, जिसके परिणामस्वरूप सदन में एक तनावपूर्ण दृश्य उत्पन्न हुआ।
सदन की कार्यवाही तब स्थगित कर दी गई, जब पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा सहित वरिष्ठ सदस्य अपनी पीड़ा व्यक्त करने लगे। अध्यक्ष ने कहा कि जब सभी सदस्य उपस्थित होंगे, तभी सदन सुचारु रूप से चलेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संविधान के तहत शपथ लेने वाले सदस्यों को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना चाहिए और देश के कल्याण के लिए अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करना चाहिए।
अध्यक्ष ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि मीडिया में प्रसारित असत्य सूचनाओं से वे आहत हैं और सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने सभी सदस्यों से अपील की कि वे आत्ममंथन करें और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर रचनात्मक तरीके से भागीदारी करें।
अध्यक्ष ने अंत में कहा कि वे व्यक्तिगत भावनाओं को नजरअंदाज करते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे और संसद के सभी सदस्यों से अनुरोध किया कि वे दलीय स्वार्थ से ऊपर उठकर देश और दुनिया को यह संदेश दें कि भारत का लोकतंत्र आशा का स्रोत बना रहेगा।