देहरादून में विभागों की लापरवाही से खतरे की जद्द में हाथीबड़कलाँ स्थित महाकाली मंदिर
देहरादून। स्मार्ट सिटी के नाम पर देहरादून के हालात सुधरने की बजाय औऱ बिगड़े हुए नज़र आ रहे हैं। शहर में आज भी पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण आमजन को हो रही परेशानी की खबरें आये दिन सुनने को मिलती रहती हैं। ताजा मामला न्यू कैंट रोड, हाथीबड़कलां स्थित महाकाली मंदिर के आस पास स्थित पूरे इलाके का है। यहाँ महाकाली मन्दिर परिसर के भीतर औऱ आस पास बरसात में चार-चार फ़ीट तक पानी भर जा रहा है। जिससे मंदिर को काफी नुकशान पहुँच रहा है। जलभराव के कारण मन्दिर खतरे की जद्द में आ गया है।
महाकाली मंदिर के अध्यक्ष डॉ० सुनील अग्रवाल ने बताया कि मंदिर के सामने सड़क के दूसरी तरफ एक नाला बनाया गया था, जिसमें सर्वे ऑफ इंडिया आफिस एवं कालोनी का बरसात व अन्य गन्दा पानी आता है। इस नाले से पानी की निकासी की समुचित ब्यवस्था न करते हुए उसे मन्दिर के सामने वाले छोटे नाले से जोड़ दिया गया। जिसमें पास स्थित सेंट्रियो माॅल एवं सड़क का गन्दा पानी आता है। इस नाले के पानी की निकासी उसके दूसरी ओर यानि मंदिर के बगल से लगे नाले(खाले) से होता था। इस निकासी वाले नाले से लगा एक प्लाट है जिसमें भू-स्वामी द्वारा निर्माण कार्य कराया गया तथा उस निर्माण के दौरान उनके द्वारा इस निकासी वाले नाले को बन्द कर दिया गया। अब सारा पानी निकासी के अभाव के कारण मंदिर परिसर में भर जाता है। जिसमें सीवर का पानी भी है। समिति के अध्यक्ष ने बताया कि सम्बंधित विभाग द्वारा यहाँ पर जो भी नाले बनाये गये हैं उनके निकासी पर ध्यान नहीं दिया गया जिसका खामियाजा आज मंदिर समिति को भुगतना पड़ रहा है तथा मंदिर को काफी नुकसान हो रहा है।
महाकाली मंदिर के अध्यक्ष डॉ० सुनील अग्रवाल ने बताया कि हाल ही में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के सरकारी आवास में भी जलभराव हो गया। जिसके बाद मंत्री जी के आदेश पर आनन फानन में विभाग द्वारा जेसीबी के माध्यम से फिर उसी प्लाट में नाले के निकासी की वैकल्पिक व्यवस्था की गई। जिसका भू स्वामी द्वारा विरोध किया जा रहा है।
महाकाली मंदिर के अध्यक्ष डॉ० सुनील अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने बताया कि इस परिसर में लायंस क्लब एलीट के सौजन्य से एक धर्मार्थ होम्योपैथिक चिकित्सालय चलता है, जलभराव की समस्या के कारण आज वह भी सुचारू रूप से नहीं चल पा रहा है।
महाकाली मंदिर समिति के अध्यक्ष डॉ० सुनील अग्रवाल ने आगे यह भी बताते हैं कि वह जिलाधिकारी से भी इस संदर्भ में मिल चुके हैं लेकिन अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया है।
यह एक गम्भीर बिषय/समस्या है कि स्मार्ट सिटी में जलभराव की समस्या कब समाप्त होगी तथा लोगों को कब तक जल भराव की समस्याओं से दो-चार होना ही पेड़ेगा।
महाकाली मंदिर के पुजारी पंडित विजेंद्र प्रसाद पैन्यूली ने बताया कि मंदिर के फर्श एवं दीवारों से भी पानी आने लगता है। बरसात में पूरी रोड पानी से लबालब भर जाती है और पानी की निकासी की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण पूरा पानी मंदिर परिसर में आकर भर जाता है जिससे मंदिर की अलमारियों, बॉक्सों आदि में पानी भर जाने से काफी परेशानी एवं नुकशान हो रहा है। यहाँ तक कि मंदिर के पंडितजी को रात रात भर जागना पड़ता है।
पंडित ने बताया कि मंदिर के बगल में एक प्लाट है और नालों एवं रोड में आने वाले पानी की निकासी उसी प्लॉट से लगे एक बड़े नाले (खाले) से होता था लेकिन जब भूस्वामी ने अपने प्लॉट में निर्माण कार्य किया तो उनके द्वारा उस नाले को बंद कर दिया, तब से ही सेंट्रियो मॉल का गन्दा पानी, सर्वे आफ इंडिया की तरफ से एवं सड़क में भरने वाला बरसाती पानी पानी की निकासी नहीं होने के कारण, पूरा पानी मंदिर परिसर के अंदर भर जाता है। मंदिर के अंदिर अत्यधिक पानी भरने के कारण इसकी दीवारें नीचे धसने लगी हैं तथा दीवारों में क्रेक आने लगे हैं, जिससे मंदिर परिसर में आने वाले लोगों के लिए भी परेशानी हो रही है। जब मंदिर के पुजारी जी से पूछा गया कि मंदिर के पास ही मंत्री का निवास है, आप उनसे क्यों नहीं मिले, उनका कहना था कि बरसात में मंत्री के आवास में भी पानी भर जाता है।